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प्रेरणादायक कहानियां

लेकिन भूत ने उसकी बात नहीं मानी | अंत में धोबी को एक तरकीब सूझी उसने कुछ ढोलक और नगाड़े वाले को इकट्ठा किया | उसने कहा कि – ” वह गांव की सीमा से उसके घर तक खूब जोर जोर से ढोलक और नगाड़े पीटते हुए आए |”

इधर भूत धोबी के बेटे की जब-जब गर्दन दबा था | वह रह-रहकर चिल्लाता | ढोलक व नगाड़ों की तेज आवाज सुनकर भूत ने धोबी से पूछा – ” यह हल्ला-गुल्ला काहे का |”

धोबी ने कहा – ” मैं क्या जानू | होगा कुछ |”

भूत बोला – ” जरा देखकर तो आओ, की क्या बात है |”

धोबी कुछ सोचने का नाटक करते हुए बोला – ” अच्छा तू कहता है, तो मैं देख कर आता हूं |”

धोबी ने लौट कर बताया कि – ” वह बुढ़िया एक फोज लेकर भूत को पकड़ने आ रही है | और साथ ही उसके पास एक बड़ी बोतल भी है | जिसमें वह भूत को कैद करेगी |”

भूत ने जब यह बात सुनी तो उसके होश गुम हो गए | वह सिर पर पांव रखकर वहां से भाग खड़ा हुआ | इसके पश्चात उसने कभी भी उस गांव का रुख नहीं किया |

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